समय हंस रहा है
पल पल भर में छूटते जाते है
दर्द बिछुड़ने का
हंसी के पार्श्व में बजते संगीत सा
नयी संवेदनाओ से भर
समय को
बदल रहा है
समय .................................राकेश मूथा
पल पल भर में छूटते जाते है
दर्द बिछुड़ने का
हंसी के पार्श्व में बजते संगीत सा
नयी संवेदनाओ से भर
समय को
बदल रहा है
समय .................................राकेश मूथा
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