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Sunday, July 27, 2014

बदल रहा है समय

समय हंस रहा है
पल पल भर में छूटते जाते है
दर्द बिछुड़ने का
हंसी के पार्श्व में बजते संगीत सा
 नयी संवेदनाओ से भर
समय को
बदल रहा है
समय .................................राकेश मूथा 

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