गुजरें बरसों को लेकर साथ
पहुँचा हूँ आज
इस समय में
जिसकी चर्चा थी मेरे गुजरे बरसों में
यह समय जो बिल्कुल ताजा है
आकाश से अभी अभी गिरी बूँद सा
याकि
पहाड़ से अभी अभी
पिघली बर्फ के पानी सा नवजात
इतना पहचाना ,इतना अपना
बरसो पुराने दोस्त सा
अपनी बाँहों में लपेट मुझे
मुस्करा रहा है
और गुजरे बरस
भौचक
सुबकते
हमारे प्यार
हमारी दोस्ती को देख
निशब्द हुए जाते है //
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