नही, इतनी सी बात पर
क्या उससे लड़ना
जो उसने देखा नही मुझे देख कर भी
जो उसने टाल दी मेरी उपस्थिति
नकार दिया मेरा अस्तित्व
ये उससे नाराज़ होने की नही
उसे धन्यवाद् देने की बात है
की अब वो जी सकेगी मेरे बिना
एक दिन जाना त्तो है छोड़ ये दुनिया
उसने आसान किया मेरा मरना ....///
adbhut .darshnik hi khungi is bhavabhvykti ko .
ReplyDeleteabhar
की अब वो जी सकेगी मेरे बिना
ReplyDeleteएक दिन जाना त्तो है छोड़ ये दुनिया
उसने आसान किया मेरा मरना ....///
" आह! कुछ दर्द दे गयी ये पंक्तियाँ.."
regards