एक क्षण
बीते इससे पहिले
रूक जाताहै
ठहर जाता है
जीवन के अंत तक शायद
ठहरा रहे ये यों ही
अवसाद का वो पल
अब जीने का सहारा है
पर्वत ज्यों करते है पार
किया है मैने
इस पल का आहोरण
कई बार शिखर तक पहुँच
सिसका हूँ ....डूबा हूँ
उभरा हूँ ....ये पल
पल ये मेरा कल था
आज है
कल भी होगा
ये पल अवसाद का .......
bahut hi pyaar...avsaad man ka chumbak hai...
ReplyDeletebahut khub
ReplyDeletebadhai is ke liye aap ko