हंसने की कोशिस
टपका गयी है कपोलों पर
वो पानी जो कब का अटका था
पलकों पर ठहरा ठहरा
छोड़ गया अपना सारा नमक
उसकी आँखों को करता और सुफेद
चमकाता काले कोये को
और चोकन्ना करता उसे
अपने बिछुड़े यार के
और नजदीक ले जाता है
हंसी ये उसकी पुकार है
जिसे वो सुनेगा कभी ....
bahut sundar
ReplyDeleteबहुत शानदार!!
ReplyDeleteBAHUT KHUB
ReplyDeleteBADHAI AAP KO IS KE LIYE