नींद आ रही है
थकन कितनी हुई
आज कुछ नही किया
ताजगी कहा से आती
सृजन अपने होने को
करता है प्रमाणित
और देता उल्लास
कुछ किए बिना
जो गुजर जाते ..दिन
वे दिन दीमक ज्यों
चाट जाते
अस्मिता ..////