समय जो गुजर जाता है
वो
आने वाले समय का केनवास बना जाता है
आने वाले पल क्या कर सकते है बेचारे
सिर्फ़ इतना ही कि धोड़ा बहुत संवार दे उसे
कुछ रंग भर दे
कुछ रंग मिटा दे /
आकार
निश्चित कर जाता है
गुजरा समय
छोड़ आपके हाथ
सिर्फ़ कुछ रंग और एक रबड़
तभी
त्तो
आज को न गुजरने देता हूँ
अपनी कला की छाप के बिना .....जिससे
उभरे वही आकार
जिसे में चाहता
उभारना आज ///
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