वो भागती है
फटाफट निपटाकर घर का काम
देने जायेगी आज अपना इम्तिहान
वो पास है
उसकी मुस्कान से दुनिया में है अमन चैन
उसके होने से है घरों में प्रकाश
है प्यार जिसे वो बांटती है
जिसे वो फैलाती है
घृणा ,तृष्णा ,वासना का करती खात्मा
उसका जो लेता इम्तिहान
उसपर आता है तरस
वो त्तो हर हाल
हर इम्तिहान है पास ////
क्या खूब लिखा है आपने वाह !!
ReplyDeleteवो हर इम्तिहान पास है ...
ReplyDeleteसुदर भावाभिव्यक्ति ..शुभकामनायें ..!!
उसकी मुस्कान से दुनिया में है अमन चैन
ReplyDeleteउसके होने से है घरों में प्रकाश
है प्यार जिसे वो बांटती है
जिसे वो फैलाती है
घृणा ,तृष्णा ,वासना का करती खात्मा
उसका जो लेता इम्तिहान
उसपर आता है तरस
वो त्तो हर हाल
हर इम्तिहान है पास ////
सत्य से भी जो ऊपर, कुछ ऐसी ही बिलक्षण बात कह दी आपने.
आपको सदर नमन.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
बहुत सुन्दर लिखा है आपने । स्वागत है ।
ReplyDeleteगुलमोहर का फूल
उसका जो लेता इम्तिहान
ReplyDeleteउसपर आता है तरस
वो त्तो हर हाल
हर इम्तिहान है पास ////
बहुत सुन्दर ..शुभकामनायें ..!!
बेहतरीन भाई!
ReplyDeleteहुज़ूर आपका भी एहतिराम करता चलूं.........
ReplyDeleteइधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं....
बहुत ही सुंदर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लिखी हुई आपकी ये रचना काबिले तारीफ है!
ReplyDelete---- चुटकी----
ReplyDeleteकरवा चौथ का
रखा व्रत,
कई सौ रूपये
कर दिए खर्च,
श्रृंगार में
उलझी रही,
घर से भूखा
चला गया मर्द।