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Wednesday, September 30, 2009

आदत हो गई ,घर आने की

हाज़त हो गई ,मोहब्बत की /

कौन करे अब ,बेवफाई भी

जल्दी में है ,सारी वफाएं भी /

1 comment:

  1. वाह वाह क्या बात है! बिल्कुल सही फ़रमाया आपने !

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