बारिश --1
बादल है छाये
उमस भी है
हवा भी है ठहरी हुई
बिजली भी चमकी है
मोरे बोले है और नाचे है
मगर बरसात कहा
याद है
झरती हुई आँख से
तुम बिन बारिशें
हो रही यूही
कई बरसों से .........राकेश मूथा
बादल है छाये
उमस भी है
हवा भी है ठहरी हुई
बिजली भी चमकी है
मोरे बोले है और नाचे है
मगर बरसात कहा
याद है
झरती हुई आँख से
तुम बिन बारिशें
हो रही यूही
कई बरसों से .........राकेश मूथा
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