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Monday, September 28, 2009

उसका भी कोई लेता इम्तिहान

वो भागती है

फटाफट निपटाकर घर का काम

देने जायेगी आज अपना इम्तिहान

वो पास है

उसकी मुस्कान से दुनिया में है अमन चैन

उसके होने से है घरों में प्रकाश

है प्यार जिसे वो बांटती है

जिसे वो फैलाती है

घृणा ,तृष्णा ,वासना का करती खात्मा

उसका जो लेता इम्तिहान

उसपर आता है तरस

वो त्तो हर हाल

हर इम्तिहान है पास ////

9 comments:

  1. क्या खूब लिखा है आपने वाह !!

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  2. वो हर इम्तिहान पास है ...
    सुदर भावाभिव्यक्ति ..शुभकामनायें ..!!

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  3. उसकी मुस्कान से दुनिया में है अमन चैन
    उसके होने से है घरों में प्रकाश
    है प्यार जिसे वो बांटती है
    जिसे वो फैलाती है
    घृणा ,तृष्णा ,वासना का करती खात्मा
    उसका जो लेता इम्तिहान
    उसपर आता है तरस
    वो त्तो हर हाल
    हर इम्तिहान है पास ////

    सत्य से भी जो ऊपर, कुछ ऐसी ही बिलक्षण बात कह दी आपने.
    आपको सदर नमन.

    चन्द्र मोहन गुप्त
    जयपुर
    www.cmgupta.blogspot.com

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  4. बहुत सुन्दर लिखा है आपने । स्वागत है ।

    गुलमोहर का फूल

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  5. उसका जो लेता इम्तिहान

    उसपर आता है तरस

    वो त्तो हर हाल

    हर इम्तिहान है पास ////

    बहुत सुन्दर ..शुभकामनायें ..!!

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  6. बेहतरीन भाई!

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  7. हुज़ूर आपका भी एहतिराम करता चलूं.........
    इधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं....

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  8. बहुत ही सुंदर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लिखी हुई आपकी ये रचना काबिले तारीफ है!

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  9. ---- चुटकी----

    करवा चौथ का
    रखा व्रत,
    कई सौ रूपये
    कर दिए खर्च,
    श्रृंगार में
    उलझी रही,
    घर से भूखा
    चला गया मर्द।

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