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Saturday, September 12, 2009

kavita


विदा के क्षण प्यार का इजहार
ठीक मृत्यु के पहिले मरीज का चहचहाना
जिंदगी भर फ़िर किसी का वियोग में तडपना
दो शब्दों के बीच के मौन की तरह
निशब्द गूँजना
और आवाजों में सन्नाटें
व् सन्नाटें की आवाजों को खोजते हुए
समुन्द्र की तरह प्यासे भटकना
हर मिलन बिछोह की ये कहानी
जहा शब्द हो जाते बेमानी
सिर्फ़ कविता ही सहला सकती
ऐसे दर्द की पेशानी /////