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Saturday, May 1, 2010

एक मगर था- जानता

बहुत दूरी से 
उसको किया है प्यार
जिसे कभी देखा नहीं
बस- पढ़ा-- उसका लिखा हुआ
सुना-- उसका बोला हुआ
और प्यार हो गया
मिलने की इच्छा  होने लगी
रात दिन उसकी याद में लिपटने लगे
लोग मुस्कराए
सोचने लगे इस उम्र
ये क्या हुआ ,क्यों हुआ ?
सिर्फ पढकर उसे.. सुनकर उसे !!
क्या ऐसा मिला --
एक मगर था- जानता
जिसे किसी ने कभी  नहीं देखा
वो मानता
पहली बार बन्दे को सच्चा प्यार हुआ ..

5 comments:

  1. बढ़िया ... इसे कहते हैं आभासी दुनिया का प्यार !

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  2. bahut khub


    badhai is ke liye aap ko

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  3. वाह....बहुत खूब....यूँ ही रिश्ते बन जाते हैं अंतरजाल पर..

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  4. बहुत ही गहन्……………खुदाई प्रेम का दीदार करा दिया।

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