seep ka sapna
Search This Blog
Tuesday, April 12, 2011
तुम्हे याद करे ....
---तुम्हे याद करें ----
भोर की ओस
हरे पत्ते पर
जैसे सीप
हाथ लगाओ
तो
बिखरे
निहारो
तो
निखरे
छवि
प्यारी
प्यार करे
तुम्हे याद करे ....
1 comment:
प्रवीण पाण्डेय
12 April, 2011
यही सीप का सपना है।
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
यही सीप का सपना है।
ReplyDelete