रहस्य उसके पीछे से झांकते थे
बात उसकी पूरी सुन समझा
ये बात वही थी
जो पिछली उसकी कई बातो के
पिछवाड़े से ताका करती थी
हैरान हुआ में !
मगर समझ नहीं पाया
रहस्यों के खुलने के बाद
में फिर उनसे क्यों नहीं मिल पाया
कुछ बातों को रहने दिया होता
उन्होंने अगर
यू ही ताकते पिछवाड़े से
तो शायद
फिर फिर मैं
उनसे मिलता
आज भी !!
बात उसकी पूरी सुन समझा
ये बात वही थी
जो पिछली उसकी कई बातो के
पिछवाड़े से ताका करती थी
हैरान हुआ में !
मगर समझ नहीं पाया
रहस्यों के खुलने के बाद
में फिर उनसे क्यों नहीं मिल पाया
कुछ बातों को रहने दिया होता
उन्होंने अगर
यू ही ताकते पिछवाड़े से
तो शायद
फिर फिर मैं
उनसे मिलता
आज भी !!
सटीक बात कही है आपने रोचक अंदाज में .आभार
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