बहुत इन्तिज़ार के बाद
कुछ आया है समझ
सलाई चली हैं उस रास्ते
अंगुलियाँ सधी है
और नाप उभरा है फिर तेरा
कन्धा हुआ है तयार
गला भी बन गया है
बस बाहें हो जाए तयार
फिर पहिन लूँगी
तुझे
और इस बार
सिया है तुझे
मेरे रेशे रेशे से
यूँ प्यार
कि न तो फटेगा ,न मैला होगा
न कभी उतर पायेगा
मुझ पर से
फिर कभी
तू प्यार ....
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