याद नहीं
कब से है वो साथ
कोई पल ऐसा नहीं जब वो नहीं साथ
अहंकार ,क्रोध ,इर्ष्या ,वैमनष्यता
सब हैरान है
जब हम होते साथ
छुप छुप झांकते वे
कभी न कर पाए वार
सोचूं नहीं उससे पाहिले वो है तयार
कहूँ नहीं उससे पाहिले मेरा मनचाहा हो जाता
चोट मुझे आये आंसू वो बहाता
खुशिया मेरे आँगन नाचे वो अप्नांगन सजाता
परिवार में कोई काम पड़े तो मुझे पता हो या न हो
माता पिता,भाई बहिन ..सब उसे पुकारते
वो कौन है .....जब में लोगो को बताता
हैरान होते है सब
ऐसा भी कोई दोस्त किताबो से निकल
जीवन में है मिल जाता ........
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति जो मन को भिगो जाती है..आभार
ReplyDeleteHappy friendship day........
ReplyDeleteJai hind jai bharat