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Tuesday, March 20, 2012

चलता हुआ


रास्ता ठिठका
शायद कुछ  कहना था उसे
मगर में समझा नहीं
और वो अनमना
चलता रहा
आज भी चल रहा है
मगर मैं कभी कही नहीं पहुंचा
अनमना मैं भी अब
रास्ते के साथ हूँ ..चलता हुआ .........राकेश

1 comment:

  1. sundar bhav abhivyakt kiye hain aapne .BAHUT ACHCHHI PRASTUTI .AABHAR
    toofan tham lete hain

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