बात सीधी तीर की माफिक चुभती रही
घाव ठीक ही नहीं हुआ फिर
गूंजती रही उसकी आवाज
सच्चाई ऐसी होती है
उसने खुर्दबीन से दिखाया
मुझे मेरा आप
अब चुप्पी ने क़ैद कर दिया है मुझे
में डरा हुआ मौन की सलाखों के भीतर
झरते देख रहा हूँ
अपना वुजूद !!
घाव ठीक ही नहीं हुआ फिर
गूंजती रही उसकी आवाज
सच्चाई ऐसी होती है
उसने खुर्दबीन से दिखाया
मुझे मेरा आप
अब चुप्पी ने क़ैद कर दिया है मुझे
में डरा हुआ मौन की सलाखों के भीतर
झरते देख रहा हूँ
अपना वुजूद !!
NICE FEELINGS
ReplyDeletewaah kya baat hain....
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