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Sunday, July 6, 2014

अब छायी ही रहती है बदली

फूल .खुशबू .हरियाली
पहाड़ .उड़ते पंछी
नदियां  बहती पूरे वेग
समुद्र शांत
बदली  और सूरज की आँख मिचोली
बदली  है तो नहीं दिखे सूरज
और सूरज आये तो नहीं दिखे बदली वो
छा गयी हो जैसे तुम मुझे अपनी ओट लें
अब छायी ही रहती है बदली
सूरज को अपनी ओट में ले ....राकेश मूथा 

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