प्यार करू
ऐसे ही नहीं कोई जाता है
जाता है
त्तो फिर कितनी
बातें छोड़ जाता है
जैसे सागर की लहर छोड़ जाती है
,सीपियाँ ,मरी मछलियाँ और कीच
अब ये मुज पर है
में सीप चुनू या मोती या कि मरे जीव ...
चले गए ----तुमको
कोसूं क्यों ?
और क्यों ... खुदको ?
प्यार करू
याद कर करके
जोश भरू
हर जीवन में
तेरा प्यार भरू ........
ye kavita ho sakti hai agar trshanee ki mehnat kareeyn
ReplyDelete