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Sunday, September 20, 2009

पीला होता पत्ता वो

पेड़ से झर कर
पत्ते पीले हो गए है
कितने दुखी है वे
मगर उन पत्तों के दुःख के आगे
क्या उनका दुःख ?
जो पेड़ पर लगे लगे ही
पीले हो रहे है
और कितनी दुखी है
वो
की पीला होत्ता पत्ता वह है
और
वो पेड
.....हाँ में हूँ ///

1 comment:

  1. कविता के कई तेवर हैं...

    परन्तु कविता ऐसे भी हो सकती है.............
    बाँच कर बड़ा सुख मिला.........
    आनन्द मिला..........

    अत्यन्त कम शब्दों में अतीव गहरी बात..........

    बधाई हो इस अनुपम काव्य के लिए....

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