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Monday, November 16, 2009

पुण्य जो करे वो ,कभी न हो रोशन

सूरज जब डूब रह होता है मेरा
उग रह होता है सूरज तब तेरा
मेरे अंधियारे से होती तू रोशन
तेरे अंधियारे से होता मैं रोशन /

चाँद है चुप ,सितारा बोलता मेरा
सितारों की चमक सा प्यार तेरा
टिमटिमाता रहे  इंतिज़ार रोशन
तू आएगी  ख्याल ये  रहे रोशन //

मैं कौन हूँ ,और क्या क्या है मेरा
है बच्चों के सवाल,जो है सब तेरा
देह है तब तलक वासनाएं है  रोशन
करोगे ध्यान त्तो दिया होगा रोशन ///

भूल जाना कभी था यहाँ आकार मेरा
मिलने का सपना यूँ  होगा साकार तेरा
उस किताब से रहती  ये दुनिया रोशन
वो वक़्त आये तुजसे हो किताब रोशन ////


दुःख, विलाप, दर्द, तनाव सब मेरा 
अच्छा है जो भी यहाँ होता रहे तेरा
 पाप नहीं छुपे कभी, होते रहे रोशन
पुण्य जो करे वो ,कभी न हो रोशन /////

तू आ ,आ तू ,ले जा ,जो है मेरा
आ तू ,तू आ,दे जा ,जो है तेरा
दुनिया प्यार से होती रहे रोशन
तेरे होने का अहसास करे रोशन //////