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Sunday, May 23, 2010

किसने किया याद मुझे !

दिन लम्बा होताजाता है
उस के साथ... उस के बिना
कभी ,कभी न जाने- कौन याद आता है
आकाश को देखू तो मुस्कराता है
धरती सर हिलाती है
समुन्द्र मना  करता है
पेड़ कहता मुझे तो चिड़ियों से ही फुर्सत नहीं
अपने दोस्तों से पुछू  तो सब कहते.. अरे कहा अब वक़्त 
पत्नी से पुछू  तो कहती.. जाते कहा जो तुम याद आओ
फिर किसने किया है याद मुझे
 परछाई  मुझमे से निकल 
धूप हो जाती ...
मैं जान नहीं पाता .....किसने किया याद  मुझे !
हाँ. मगर, इस बहाने  मैं सबसे  मिल लेता हूँ

3 comments:

  1. बहुत उम्दा रचना... कभी-कभी मेरे साथ भी ऐसा ही होता है...!!


    डा.अजीत
    www.shesh-fir.blogspot.com
    www.monkvibes.blogspot.com

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  2. बहुत अच्‍छी रचना है


    रिंकू सरवैया
    www.just Click-rinku.blogsprt.com

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