चिड़िया
पंखो को फडफडाती
घोंसलें में जाती ,बाहिर आती
कोंव्वों ,गिद्धों,बिल्लियों से
बचाने अपने बच्चे
पेड़- पेड़ हर दिन
नए घोंसलें बनाती
बच्चे जिस दिन उड़ जाते
घोसलें से
चिड़िया का डर फुर्र हो जाता
वही पेड़ ,वही घोंसला
उस चिड़िया का फिर जीवन हो जाता ..
sundar
ReplyDeletebahut khoob.
ReplyDeletevery deep!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना ....अच्छा लिखा है !!!
ReplyDeletechidiya ka pura jivan chand lino me
ReplyDeleteinteresting likhte hain aap .