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Sunday, June 13, 2010

अवसान का जश्न

झरती पत्तियों के पीलेपन में
बचा हुआ हरा
आने वाले समय के हरे को गाता 
नाचता ,झूमता
आश्वस्त करता हुआ
अपने अवसान का जश्न  मनाता  है  .

2 comments:

  1. संक्षिप्तता ही कला है को चरितार्थ करती सशक्त व सार्थक रचना।

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  2. sankshipta lekin sampoorna kavita........sundar

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