बहुत बढ़िया . कृपया इसे भी पढ़े -------http://ashokbajaj99.blogspot.com/
गहरी अभिव्यक्ति।
उफ़्………।बेहद गहन और मार्मिक चित्रण्।
सार्थक लेखन के लिए बधाईसाधुवादलोहे की भैंस-नया अविष्कार आपकी पोस्ट ब्लॉग4वार्ता पर
बहुत मार्मिक अभिव्यक्ति ...आभार !अक्सर रुखी रातों में
बहुत ही मार्मिक कविता । माँ जिसके रेशे रेशे ने हमें सींचा है, बहुत खूब ।
बहुत बढ़िया .
ReplyDeleteकृपया इसे भी पढ़े -------http://ashokbajaj99.blogspot.com/
गहरी अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteउफ़्………।बेहद गहन और मार्मिक चित्रण्।
ReplyDeleteसार्थक लेखन के लिए बधाई
ReplyDeleteसाधुवाद
लोहे की भैंस-नया अविष्कार
आपकी पोस्ट ब्लॉग4वार्ता पर
बहुत मार्मिक अभिव्यक्ति ...आभार !
ReplyDeleteअक्सर रुखी रातों में
बहुत ही मार्मिक कविता । माँ जिसके रेशे रेशे ने हमें सींचा है, बहुत खूब ।
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