कोशिश है
चल रहे है
शायद पहुंचे
शायद क्यों
कहो पहुंचेंगे
कहा .....
मगर हुआ वही की
पहुंचें नहीं ...
बताया गया मुझे
अभी मंजिल है दूर
चलते चलो ..
मेने पूछा ...मगर मंजिल है कहाँ?
वे हँसे ..
बताओ तो
चले तुम कहाँ के लिए थे
और अब कहा जा रहे हो ?
मैं अचकचाया
फिर पाया
वाकई शरमाया
और पूछा -अपने आप से
जाना कहाँ है ??
चल रहे है
शायद पहुंचे
शायद क्यों
कहो पहुंचेंगे
कहा .....
मगर हुआ वही की
पहुंचें नहीं ...
बताया गया मुझे
अभी मंजिल है दूर
चलते चलो ..
मेने पूछा ...मगर मंजिल है कहाँ?
वे हँसे ..
बताओ तो
चले तुम कहाँ के लिए थे
और अब कहा जा रहे हो ?
मैं अचकचाया
फिर पाया
वाकई शरमाया
और पूछा -अपने आप से
जाना कहाँ है ??
हमेशा की तरह "ला-जवाब" जबर्दस्त!!
ReplyDeleteनवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ । जय माता दी ।
ReplyDeleteशायद, यही नहीं ज्ञात कि जाना कहाँ है।
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