seep ka sapna
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Friday, November 5, 2010
हम सबको ज्ञेय..........
दीयों की पंक्ति में जो रख गएँ है
वो अपना दिया एक
उसकी आभा से
आलोकित होता ये संसार
जिससे आती हममे
कोमलता ,सहृदयता
अच्छी भाषा
प्रेम का अहसास
परस्परता
और उस दिए से
होता अज्ञेय
हम सबको ज्ञेय..........
2 comments:
vandana gupta
05 November, 2010
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।
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प्रवीण पाण्डेय
06 November, 2010
सुन्दर पंक्तियाँ।
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दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteसुन्दर पंक्तियाँ।
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