कुछ दूरी पर
ये रस्सी टूट जाती है
पुल जो बना है उनके बीच
उसकी जरुरत ख़तम हो जाती है
और ये है मज़े की बात
वे जो चल रहे है इस पुल
कभी नहीं जानते किससे जुड़ने
वे चल रहे है इस पुल
पूरे रास्ते
भय ,आशंका ,अविश्वास
क्रोध ,घृणा ,युद्ध करते
वे जान ही नहीं पाते है
की रस्सी टूट गयी
और वे नहीं रहे अब इस राह
पुल अब टूट गया ....
रस्सी ही नहीं होती
राह उन्हें मिली या नहीं मिलती
क्या फर्क होता ..??
यह प्रहार सम्बन्धों पर ही करते हैं, पुल तोड़ देते हैं।
ReplyDeleteदोतरफा वार करती बेहद गहन अभिव्यक्ति.
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