पता नहीं
क्या सत्य
झूठ क्या
जो समझ आया
वह यही
जिस राह कम बाधाएं हो
वह राह ही सत्य की
जहा संघर्ष हो
त्याग हो ...बलिदान हो
उस राह भेजो किसी और को
और उस राह चलते वो अगर
हो जाए शहीद तो रो लो
उसकी मूर्तियाँ लगालो
मगर उसकी राह न चलो ..
बचो ..बचते रहो ..
सच झूठ की परिभाषा
अपने हक में बदलते रहो .....
और यूँ जब तक मरो नहीं
जियो शान से ......
बहुत सुन्दर। जियो शान से।
ReplyDeleteVery beautiful and sadly this is exactly what we are all told by our elders- to take the safe path ! Wish we mature enuf to see that the tuf path is the one which provides us more learnings and lessons
ReplyDelete