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Wednesday, April 6, 2011

हजारों ने हजारे का साथ दिया

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बहुत शोर है शराबा है 
बातें बातें 
एक दुझे को नीचा दिखाने की पुरझोर कोशिशें 
और हम्माम में सब नंगे 
फकीर की कौन सुने 
वो हँसते है और कहते है 
वो दिन लद गए 
जब महात्मा हुआ करते थे 
लोगो ने माना नहीं 
रस्साकसी में हर बार हार अब बर्दाश्त नहीं 
हजारों ने हजारे का साथ  दिया 
सडको को जाम किया 
ख़ास को छोड़ आम की आवाज ने हुन्कार किया 
बात सीधी सीधी अभी समझ न आये 
मगर हजारे ने बात का सीधा रास्ता तयार किया 
लोक तंत्र में लोक की आवाज 
हो सकता है अभी जोश से निकली है 
मगर इस आवाज को हजारे तुमने 
कितना बुलंद किया ...
दुनिया में फिर भारत की
ये आज़ादी सदियों तलक 
गायी जायेगी .........
भारत ने दुनिया को... हाँ 
...एक और
बापू दिया .......


1 comment:

  1. निष्ठा और लगन स्तुत्य है।

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