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Saturday, April 16, 2011

प्रेम ..

चेहरे में उसके डूबी है 
बातें 
सारी यादें 
आँखों में सफ़ेद हो गया है 
प्रेम ..
मगर चमकता है 
जुगनू ज्यूँ 
आँख के अँधेरे में 
अब भी 
बिछोह ...

1 comment:

  1. बिछोह अपनी पहचान नहीं छोड़ता है।

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