बहुत उम्दा है --- सपना
आँखों ने रख लिया उसे अपने पास
कभी भी ओझल नहीं होने देती है
बहुत समझाता है तन ...शरीर के सारे अंग
मानती नहीं आँख
जमीन सख्त है
कहते है पावं
यूँ आसान नहीं
दुनिया में हाथो के कौशल के बिना
हाथ डींग मारते है
कलेजा फट जाता है कई बार
जब विसंगतिया आती है सामने
ह्रदय चीखता है ....
इन सब के बीच
एक वो हँसता है
मुस्कराता है
सपने के रंगों से होता है सराबोर
अब वो और आँख और सपना
डूबे इश्क में
कुछ नहीं सुनते ....शोर अभी भी है.....
बस वही छाया है,
ReplyDeleteक्या, कोई आया है?
सपने के रंगों से होता है सराबोर
ReplyDeleteअब वो और आँख और सपना
डूबे इश्क में
कुछ नहीं सुनते ....शोर अभी भी है.....
बहुत उम्दा