seep ka sapna
Search This Blog
Friday, June 24, 2011
देह का अन्धेरा
झाँक झाँक थक गया
उतावला हुआ
बाहिर आने को बेताब
वो जानती है
उसके जाने के बाद
कभी नहीं होगा सवेरा फिर
अँधेरे होंगे ..दूर चमकते सितारे सा
वो होगा ...और होगा
देह का अन्धेरा !!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment