खटखटाता रहा जब दरवाजा
नहीं खुला
बहुत मनुवार की
अपना परिचय दिया
देर तक उनके संशय दूर करता रहा
बंद ही रहा दरवाजा
और में लौटने लगा
तब दरवाजा खोलकर
वो देने लगी मुझे बहुतेरी आवाजें
में हतप्रभ बस देखता रहा
वो बार बार कहती रही दरवाजा खुल चुका है
तुम भीतर आ जाओ
मगर मैं फिर नहीं जा सका
उस घर ......
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