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Saturday, February 27, 2010

फाल्गुन की ये मस्ती रहे

वो कौन है ,जिसके आने पर आँगन आँगन होली होती है
रंग सारे  दुबक जाते है   ,तू उसे देख  जब लाल होती है //
फल्गुनिया महक फैलती है ,जिस्म बिखेरता है कैसी गंध
गौरी तू कमाल करती है ,दुनिया तेरे रंग बेहाल होती है //
साजन रंग भीग भीग ,जीवन में कैसे  कैसे रंग भरती है
ऋतुएँ फिर सारी इन,रंगों में रंगी धरती को हरा करती है //
जो भी हो तुम, रहो गौरी संग ,बजते रहे प्यार के रोज चंग
प्यार ही प्यार फैले और इतना फैले कि आतंक हो रहे दंग //
जीवन में प्रति पल रंग रहे , कृष्ण की बांसुरी बजती रहे
गौरी के संग हम रहें ,रास रहे ,फाल्गुन की ये मस्ती रहे //
आते रहो तुम ,मिलती रहूँ मैं तुम्हे ,प्रेम प्यास बढती रहे
दुनिया सारी झूम झूम ,प्रेम गीत गाती, नाचती होती रहे //

6 comments:

  1. Bahut sundar faguni rachana ke liye dhanywaad!
    holi ki shubhkaamanaae!!
    http://kavyamanjusha.blogspot.com/

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  2. रंग बिरंगे त्यौहार होली की रंगारंग शुभकामनाए

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  3. प्यार ही प्यार फैले और इतना फैले कि आतंक हो रहे दंग
    Bahut sunder vichar.....
    Happy holi .

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  4. हो न फिर फसाद , मजहब के नाम पर
    केसर में हरा रंग मिले ,इस बार होली में !

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  5. बहुत सुन्दर सन्देश दिया है। आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें

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  6. होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.

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